सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने में साहस की जरूरत पड़ती है,पर सच को स्वीकार करना उससे भी ज्यादा मुश्किल होता है ।।
जो सच को स्वीकार करते हैं वो स्वयं को बदलने का प्रयास करते हैं स्वयं के लिए ।।