सच्चे रिश्ते वही जो रूहानी हों
सच्चे रिश्ते वही जो रूहानी हों
सुखी होने से सुखी और
दुख में उदास हों
भले ही खामोश हों..
पर आसपास हों..
दूर हों या पास हों..
पर गहरे एहसास हों..
दिमाग के नहीं दिल के रिश्ते हों
जो खास हों..
जिनकी जड़ों में अटूट विश्वास हो..
शिकायतें हों पर दिलों में फ़िर भी मिठास हो..
सुख में चाहे हों ना हों..
मुश्किल में हर घड़ी साथ हों..
रिश्तो में स्वार्थ ना हो बस सच्चे ज़ज़्बात हों..
बाँट लो एक दूसरे के गम और खुशी..
क्या जाने कल किस्मत की क्या करामात हो..
मिलो तो मिलो सबसे ऐसे
जैसे आखिरी मुलाकात हो…
खुश रहिये मुस्कुराते रहिये…??© अनुजा