सच्चे राही__ अपने लक्ष्य पर ही चलेंगे _कविता
हमने अपना कदम बढ़ाया।
कुछ कर गुजरे मन में आया।
राह रोकने कई खड़े थे, अपनी जिद पर वह अड़े थे।
गंभीरता से हमने उनको समझाया।।
हमने तुम्हारा कुछ नहीं लेंगे
अपने लक्ष्य पर ही चलेंगे
कथन हमारा उन्हें नहीं आया।
हमारे काम में रोड़ा अटकाया।।
थक हार कर हमने फिर से,
नव पथ अपनाया।
तलाश थी हमें अपने काम की,
अंत में उसको पाया।।
सोचते हैं हम आखिर ऐसा क्यों होता आया।
सच्चे राही को ही हर किसी ने क्यों सताया।।
राजेश व्यास अनुनय