Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2022 · 1 min read

सच्ची कविता

कविता वही
जो संघर्ष में
नारा बन सके!
कविता वही
जो उदासी में
सहारा बन सके!!
कविता वही
जो भटकन में
इशारा बन सके!
कविता वही
जो अंधेरे में
सितारा बन सके!!
#शायरी #poetry #गीतकार #लेखक
#इंकलाबी #बगावत #जनवादी #विद्रोह

Language: Hindi
111 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"जल"
Dr. Kishan tandon kranti
गंगा- सेवा के दस दिन (चौथादिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (चौथादिन)
Kaushal Kishor Bhatt
23/98.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/98.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरे हिस्से का प्यार भी तुझे ही मिले,
मेरे हिस्से का प्यार भी तुझे ही मिले,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आलेख-गोविन्द सागर बांध ललितपुर उत्तर प्रदेश
आलेख-गोविन्द सागर बांध ललितपुर उत्तर प्रदेश
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बचपन अपना अपना
बचपन अपना अपना
Sanjay ' शून्य'
आंखों से
आंखों से
*प्रणय*
माटी में है मां की ममता
माटी में है मां की ममता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ऐ जिन्दगी
ऐ जिन्दगी
Ragini Kumari
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
निर्वंश
निर्वंश
Paras Nath Jha
गीत- मेरी आवाज़ बन जाओ...
गीत- मेरी आवाज़ बन जाओ...
आर.एस. 'प्रीतम'
वक़्त की मुट्ठी से
वक़्त की मुट्ठी से
Dr fauzia Naseem shad
मनमर्जी की जिंदगी,
मनमर्जी की जिंदगी,
sushil sarna
श्रेणी:हाइकु - डी के निवातिया
श्रेणी:हाइकु - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
मैं शिव हूँ
मैं शिव हूँ
Atul Mishra
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
gurudeenverma198
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
नींद
नींद
Vindhya Prakash Mishra
पूजा
पूजा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुम खूबसूरत हो
तुम खूबसूरत हो
Ruchika Rai
संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं ।
संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं ।
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आज सारे शब्द मेरे खामोश मन में विचार ही नहीं उमड़ते।
आज सारे शब्द मेरे खामोश मन में विचार ही नहीं उमड़ते।
Annu Gurjar
सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम
Harminder Kaur
मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे।
मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे।
Manisha Manjari
मुस्कुराहटें
मुस्कुराहटें
Shyam Sundar Subramanian
आओ हम सपने देखें
आओ हम सपने देखें
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आसमान में बादल छाए
आसमान में बादल छाए
Neeraj Agarwal
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
कवि रमेशराज
खोकर अपनों को यह जाना।
खोकर अपनों को यह जाना।
लक्ष्मी सिंह
Loading...