सच्ची आजादी
गाँधी जी ने क्या कहा था
जरा उस बात को जानना।
जब नारी अकेले सुरक्षित घूम सकेगी
तभी देश आजाद मानना।।
इस आजाद भारत में बेटियों को
बेड़ियों में जकड़ा जा रहा है।
किन्तु दुराचारी, दरिंदो को
नहीं पकड़ा जा रहा है।।
आज के राजनेता सेवा नहीं
स्वार्थ सिद्ध कर रहें है।
देश की राजनीति में
गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार भर रहें है।।
जिस देश मे बेटी को
देवी का दर्जा दिया जाता है।
उसी देवी से दुराचार, शोषण,
अभद्र व्यवहार किया जाता है।।
देश तो हो गया आजाद पर
क्या नारी आजाद हो पाई है।
गर लड़े स्व-स्वतंत्रता के लिए
तो मिलती उसे रुसवाई है।।
आजादी पूर्व थी जो स्थिति
उसकी, वही आज भी जारी है।
तब भी थी बेड़ियों में जकड़ी
आज भी कितनी ही बेचारी है।।
आजादी का अमृत महोत्सव
देश 75वें वर्ष में मना रहा है।
जब हर स्त्री होगी सुरक्षित
न जाने वो वर्ष कब आ रहा है।।
इसीलिए सही मायनों में
सच्ची आजादी तभी मानेंगें हम।
जब सब बहने होंगी सुरक्षित
ऐसी सुनिश्चितता पाएंगे हम।।