सच्चा मीत
तेरे जीवन को रोशन करना चाहता हूं,
इश्क की इंतहा तक जाना चाहता हूं।
प्यार दिखता है मुझे तेरी आंखों में भी,
झील सी तेरी आंखों में जब भी डूबता हूं।
एक तेरा ख्याल कर नींद आती है मुझे,
सुबह तुझे निगाहों के सामने पाता हूं।
रात आंखों में गुजर जाती है अक्सर,
यादें तेरी हर पल अपने साथ रखता हूं।
बेरहम और छल भरी दुनिया में “रहबर”,
मीत सच्चा तुझको अपना मानता हूं।
इन्जी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट, मध्यप्रदेश