सच्चा मित्र है पर्यावरण
हे मानव! तुम जाग जाओ,
प्रकृति यही कर रही पुकार,
पर्यावरण कितना प्रदूषित हो रहा,
कैसे होगा इसका सुधार ?
प्राणों से प्रेम यदि करते हो,
तो प्रकृति प्रेम जुड़ा है इससे,
जल थल वायु और वन ,
अमूल्य है जुड़ा इससे कल।
मत करो तुम छेड़ खानी,
शांत प्रकृति को रहने को,
कही भयंकर ना हो दुष्परिणाम,
मानवता का हो ना जाए विनाश।
हे मानव! तुम जाग जाओ,
प्रकृति यही कर रही पुकार,
रक्षा करना कर्तव्य तुम्हारा,
सच्चा मित्र है पर्यावरण तुम्हारा।