सच्चाई सब जानते, बोलें फिर भी झूठ। सच्चाई सब जानते, बोलें फिर भी झूठ। असिक्रीड़ा का शौक है, पकड़ न पाते मूठ।। © सीमा अग्रवाल मुरादाबाद