सच्चाई या हिम्मत
जब रख हिम्मत सच्चाई की राह पर चल पड़े तो
क्यों पीछे मुड़कर है देखना
तो क्यों किसी की परवाह है करना
बस अपने हिम्मत को रख साथ निकल पर सच्चाई की राह पर
मुश्किलें होंगी बहुत डगर भी कठिन होगी
लोगों के ताने कड़वी बातें भी होंगी
पर तू ना छोड़नाअपनी सच्चाई की डगर
यहदुनियाहै लोगभीहै ऐसे
सामने है कुछ पीठ पीछे हैं कुछ
बातें भी होंगी षड्यंत्र भी होंगे
हर जगह तुम्हें तोड़ने की कोशिश भी होगी
पर तू अपनीसच्चाई की राहसे डगमगानानहीं हिम्मत को तू तोड़ना नहीं
बसउस हिम्मतके साथ सच्चाई कीराह परआगे बढ़तेजानाहैतुम्हें
फिर देखना इस हिम्मत और सच्चाई के आगे सब पीछे रह जाएगा
जहां हिम्मत और सच्चाई जुड़ जाए तो झूठ और डर की क्या है औकात
** नीतू गुप्ता