Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2024 · 1 min read

सखा कान्हा और सुदामा

-सखा कान्हा और कन्हैया

कृष्ण और सुदामा,
दोनों का गहरा था याराना,
वर्षों बाद याद आई कृष्ण सखा की
कि….था सुदामा को मिलने जाना,
वो था भिक्षुक, कृष्ण था राजा,
सबसे सुंदर था ये दोस्ताना।

चले जब सुदामा…
मैं भिक्षुक,,,,,क्या ले जाऊं उपहार??
सुदामा ने अपनी भार्या को बोला,,,,,,
तीन मुठ्ठी तंदुल से बनाई छोटी पोटली
ले जाओ ये मृदुल उपहार !!!
सुशीला का था ये सुझाव।

फिर भी संशय में थे सखा सुदामा,
उचित होगा उपहार में ले जाना
यों चंद चावल के दाना,,,,,,
सुदामा पत्नी सुशीला पति को समझाया
मैंने कृष्ण को जाना।

उपहार छोटा हो बड़ा,, इससे क्या लेना!
सच्चा मित्र देखता है भावना,
वो तो सबके है कान्हा,
जैसा जिस के दिल ने उन्हें माना
उस ने उनको उसी रूप में पाया।

नंद, यशोदा का नटखट लल्ला,
व्रज में गोपियों का माखनचोर कान्हा,
गुरुकुल के लिए वो बने कन्हैया,
राधिका के वो प्रिय मनसुखा,
देखी हमने कृष्ण की विराटता,
भक्तों के बन जाते दुखहर्ता।

बोले जा रही ब्राह्मणकुल की सुशीला,
देख मुस्कराकर बोले सुदामा
कैसे जान पाई तुम??
की इतना मधुर है कान्हा,,,,,,
हंस कर बोली बामा!!
मैंने तो मनकी आंखों से मैंने जाना,
ऐसे है सबके मनमोहन कान्हा!!!!

– सीमा गुप्ता

Language: Hindi
65 Views

You may also like these posts

तमाशा
तमाशा
D.N. Jha
"वृद्धाश्रम "
Shakuntla Agarwal
हर-सम्त शोर है बरपा,
हर-सम्त शोर है बरपा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
Ashwini sharma
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
Manoj Mahato
तुम अपना भी  जरा ढंग देखो
तुम अपना भी जरा ढंग देखो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
उदासी की चादर
उदासी की चादर
Phool gufran
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
श्रृंगार/ गोपी छंद
श्रृंगार/ गोपी छंद
guru saxena
ईर्ष्या
ईर्ष्या
Rambali Mishra
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मैं अक्सर देखता हूं कि लोग बड़े-बड़े मंच में इस प्रकार के बय
मैं अक्सर देखता हूं कि लोग बड़े-बड़े मंच में इस प्रकार के बय
Bindesh kumar jha
एक ग़ज़ल :-रूबरू खुद से हो जाए
एक ग़ज़ल :-रूबरू खुद से हो जाए
मनोज कर्ण
शीर्षक - गुरु ईश्वर
शीर्षक - गुरु ईश्वर
Neeraj Agarwal
तुम्हीच सांगा कसा मी ?
तुम्हीच सांगा कसा मी ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
" मगर "
Dr. Kishan tandon kranti
संभावना है जीवन, संभावना बड़ी है
संभावना है जीवन, संभावना बड़ी है
Suryakant Dwivedi
जिंदगी मैं हूं, मुझ पर यकीं मत करो
जिंदगी मैं हूं, मुझ पर यकीं मत करो
Shiva Awasthi
#बेबस लाचारों का
#बेबस लाचारों का
Radheshyam Khatik
जीवन रंगमंच
जीवन रंगमंच
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"मैं तुम्हारा रहा"
Lohit Tamta
Pay attention to how people:
Pay attention to how people:
पूर्वार्थ
कविता तुम से
कविता तुम से
Awadhesh Singh
प्यार दर्पण के जैसे सजाना सनम,
प्यार दर्पण के जैसे सजाना सनम,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
क्या कोई नई दुनिया बसा रहे हो?
क्या कोई नई दुनिया बसा रहे हो?
Jyoti Roshni
हम बस भावना और विचार तक ही सीमित न रह जाए इस बात पर ध्यान दे
हम बस भावना और विचार तक ही सीमित न रह जाए इस बात पर ध्यान दे
Ravikesh Jha
13. Rain Reigns
13. Rain Reigns
Ahtesham Ahmad
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अक्ल का अंधा - सूरत सीरत
अक्ल का अंधा - सूरत सीरत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...