Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2024 · 1 min read

तमाशा

सुनते थे जो हर बातों को,करने लगे बहाने अब।
छुप -छुप कर ही देखा करते,आंखें लगे चुराने अब।

हंसते गाते ही रहते थे,खोए- खोए दिखते हैं,
सुनते थे जो हर बातों को,करने लगे बहाने अब।

छोटी -छोटी बातों पर भी, खूब तमाशा करते हैं,
बात -बात पर ऐसे बरसे,डंका लगे बजाने अब।

पैसा- पैसा करते रहते, नशा चढ़ा है पैसों का,
घर का सारा काम छोड़कर,वे भी चले कमाने अब।

चूल्हा -चौका छोड़ दिया है, होटल का खाना अच्छा,
घर का खाना छोड़ -छाड़ कर,थाली लगे बजाने अब।

बातों को सुनकर अब मेरे,सिर को खूब खुजाते हैं,
बातों ही बातों में ‘दीपक’,मुझको लगे घुमाने अब।
डी एन झा दीपक ©

1 Like · 38 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
“ इन लोगों की बात सुनो”
“ इन लोगों की बात सुनो”
DrLakshman Jha Parimal
कहाँ से लाऊँ वो उम्र गुजरी हुई
कहाँ से लाऊँ वो उम्र गुजरी हुई
डॉ. दीपक मेवाती
*आदत*
*आदत*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कृष्ण कन्हैया
कृष्ण कन्हैया
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
श्रमिक  दिवस
श्रमिक दिवस
Satish Srijan
वो अनुराग अनमोल एहसास
वो अनुराग अनमोल एहसास
Seema gupta,Alwar
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी
Sunil Suman
किसी से भी
किसी से भी
Dr fauzia Naseem shad
पुरुष का दर्द
पुरुष का दर्द
पूर्वार्थ
#तेवरी
#तेवरी
*प्रणय प्रभात*
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
कवि दीपक बवेजा
मज़बूत होने में
मज़बूत होने में
Ranjeet kumar patre
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
Amulyaa Ratan
तुम आये तो हमें इल्म रोशनी का हुआ
तुम आये तो हमें इल्म रोशनी का हुआ
sushil sarna
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
थूंक पॉलिस
थूंक पॉलिस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
है हिन्दी उत्पत्ति की,
है हिन्दी उत्पत्ति की,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बनारस
बनारस
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
दोहे- साँप
दोहे- साँप
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पहचाना सा एक चेहरा
पहचाना सा एक चेहरा
Aman Sinha
विनय
विनय
Kanchan Khanna
जाग गया है हिन्दुस्तान
जाग गया है हिन्दुस्तान
Bodhisatva kastooriya
मन बहुत चंचल हुआ करता मगर।
मन बहुत चंचल हुआ करता मगर।
surenderpal vaidya
"एकान्त"
Dr. Kishan tandon kranti
काश! तुम हम और हम हों जाते तेरे !
काश! तुम हम और हम हों जाते तेरे !
The_dk_poetry
25. *पलभर में*
25. *पलभर में*
Dr Shweta sood
वक्त को कौन बांध सका है
वक्त को कौन बांध सका है
Surinder blackpen
*मेरे सरकार आते हैं (सात शेर)*
*मेरे सरकार आते हैं (सात शेर)*
Ravi Prakash
'प्रहरी' बढ़ता  दंभ  है, जितना  बढ़ता  नोट
'प्रहरी' बढ़ता दंभ है, जितना बढ़ता नोट
Anil Mishra Prahari
Loading...