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2 Jun 2023 · 1 min read

सकारात्मकता

गुज़र जायेगी विपदा की ये घड़ियां भी यूं ही
गुज़र जायेगी विपदा की ये घड़ियां भी यूं ही
वक्त भी कभी थमता है कहीं,
प्रकृति की तो प्रथा है यही
आज है पतझड़,तो कल बसन्त भी आयेगा
हर मुरझाया हुआ चेहरा, फिर से खिलखिलायेगा
अन्तर्मन को मुखरित करना है आज,
बिखरे हुए सन्नाटे में, इन्द्रधनुषी रंग भरना है आज
सब संग मिलकर जागरूकता का दीप जलाना है
सकारात्मकता का संदेश फैलाना है
विजयी लक्ष्य को पाना है
नया सवेरा लाना है
नया सवेरा लाना है

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