संसार की इस भूलभुलैया में, जीवन एक यात्रा है,
संसार की इस भूलभुलैया में, जीवन एक यात्रा है,
जहाँ हर कदम पर नई चुनौती, हर पल एक कथा है।
बड़ी मछली छोटी को खा जाए, यही नियम पुराना है,
पर मानव की असली शक्ति, उसका मन और विचार का खजाना है।
मोती मिले या सीपियाँ, खुशियाँ हैं जो दिल में बसती,
संतोष की इस धरती पर, हर खुशी सच्ची और हस्ती।
रेत के तूफानों में भी, जो अंकुर फूट आए,
वही तो जीवन की आशा, वही सपनों की छाया।
नागफनी भी खिलती है, जीवन की इस रेत में,
पर उसके फूलों में भी, छिपी एक मिठास है कहीं गहरे में।
जो दलदल में फंस जाए, उसे भी बाहर आना है,
क्योंकि संसार की इस भीड़ में, हर किसी को अपना नाम बनाना है।
हम यहाँ आए हैं क्योंकि, जीवन है एक उपहार,
इसे सार्थक बनाना है, चाहे हो कितनी भी बार।