संसद हो या जनता हो इन्हें मोल नहीं है।
मुक्तक
संसद हो या जनता हो इन्हें मोल नहीं है।
छुट्टा हुए हैं साड़ कोई कंट्रोल नहीं है।
एक बार चुन गये तो हैं बेताज बादशाह,
काबू करेगा कौन कोई नकेल नहीं है।
……. ✍️ प्रेमी
मुक्तक
संसद हो या जनता हो इन्हें मोल नहीं है।
छुट्टा हुए हैं साड़ कोई कंट्रोल नहीं है।
एक बार चुन गये तो हैं बेताज बादशाह,
काबू करेगा कौन कोई नकेल नहीं है।
……. ✍️ प्रेमी