संसद की दीवारें
लोकतंत्र की शाए में साजिश
नज़र आती है ।
अभिव्यक्ति को दबाने की चाल
नज़र आती है
जनता की आवाज कहीं
गुम होने वाली है
सुना है
संसद की दीवारें
और उंची होने वाली है ।
बहुमंजिला इमारत होगी ,
अरबों की लागत होगी
मजदूरों की पसीने से
दीवारें वो ऊंची होगी ।
मजदूरों की आवाज ही
अब गुम होने वाली है
सुना है संसद की दीवारें
और उंची होने वाली है ।
✍️समीर कुमार “कन्हैया” ।