Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2017 · 1 min read

संवेदनाएँ सस्ती हो गईं!

चौखट पर टिकी आँखें
गली से गुजरते डाकिया से लपककर पूछ ही लेतीं थीं!
मेरे नाम की चिट्टी तो नहीं आई कहीं से?
कड़ी दोपहर में नंगे पैर दौड़कर
कुल्फी लाने में न शर्म थी
न बीमार होने का डर। कोई भी तीन लकड़ियाँ ,कपडे़ की गेंद
और मुहल्ले की किसी भी गली में
वनडे डन्डे के सहारे शुरू हो जाता था।
शाम से गाँव में अलाव
धीरे-धीरे घेरा बडा़ होता
जगह सबको मिल जाती थी
ठिठुरती ठंड में तापने को।
शहर भी तब गाँव हुआ करते थे
पंक्षियों के झुंड यहीं से गुजरते थे
अकेली टिटहरी रात में शोर करती थी
हवा ,कहीं दूर होती भक्तों की ढोलकी
की आवाज से ,आधी रात और सुबह
होने में अभी देर है ,संदेश लाती थी।
अभी भी सब कुछ शेष है
मगर यूं जैसे सुगंध !कहीं

अब धीरे-धीरे सब ,दो नीले सही के निशानों की परिधि के मध्य सिकुड़ता जाता है- – -!
आप समझ ही गये होगें! आपका अगूंठा क्यों थम गया
यूं लगता है,संवेदनाएँ सस्ती हो गयीं हैं?
हवाएँ दूषित और खुशबुएँ यांत्रिक हो गयीं हैं!

मुकेश कुमार बड़गैयाँ ,कृष्णधर द्विवेदी

Language: Hindi
7 Likes · 2 Comments · 606 Views

You may also like these posts

प्रेम ही जीवन है।
प्रेम ही जीवन है।
Acharya Rama Nand Mandal
होके रुकसत कहा जाओगे
होके रुकसत कहा जाओगे
Awneesh kumar
कभी भी खुली किताब मत बनो यार
कभी भी खुली किताब मत बनो यार
Vishal Prajapati
भारत माता के सच्चे सपूत
भारत माता के सच्चे सपूत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
4843.*पूर्णिका*
4843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किंकर्तव्यविमूढ़
किंकर्तव्यविमूढ़
Shyam Sundar Subramanian
पी जाता हैं प्यास भी, .....मेरी वो हर बार ।
पी जाता हैं प्यास भी, .....मेरी वो हर बार ।
RAMESH SHARMA
मित्रता का मेरा हिसाब–किताब / मुसाफिर बैठा
मित्रता का मेरा हिसाब–किताब / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
स्मृति
स्मृति
Neeraj Agarwal
" माँ "
Dr. Kishan tandon kranti
कहती है नदी
कहती है नदी
Meera Thakur
विषय सूची
विषय सूची
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*Rising Waves*
*Rising Waves*
Veneeta Narula
जब तुम नहीं कुछ माॅंगते हो तो ज़िंदगी बहुत कुछ दे जाती है।
जब तुम नहीं कुछ माॅंगते हो तो ज़िंदगी बहुत कुछ दे जाती है।
Ajit Kumar "Karn"
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
Devesh Bharadwaj
आदि कवि
आदि कवि
Shekhar Chandra Mitra
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
विद्यार्थी जीवन
विद्यार्थी जीवन
Santosh kumar Miri
प्रेम..
प्रेम..
हिमांशु Kulshrestha
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
Kanchan Khanna
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
Kalamkash
रमेशराज की एक तेवरी
रमेशराज की एक तेवरी
कवि रमेशराज
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
सेंटा क्लाज
सेंटा क्लाज
Sudhir srivastava
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से मन की शांति के उपाय। मिथक बातें का खण्डन। ~ रविकेश झा
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से मन की शांति के उपाय। मिथक बातें का खण्डन। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
इस प्रथ्वी पर जितना अधिकार मनुष्य का है
इस प्रथ्वी पर जितना अधिकार मनुष्य का है
Sonam Puneet Dubey
*औषधि (बाल कविता)*
*औषधि (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कागज
कागज
SATPAL CHAUHAN
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
तपना पड़ता है
तपना पड़ता है
पूर्वार्थ
Loading...