Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Apr 2024 · 1 min read

संवेदना मनुष्यता की जान है।

* संवेदना मनुष्यता की जान है

संवेदनशील मनुष्य सजीवता
का प्रतीक है।
संवेदनविहीन मनुष्य निर्जीविता
का प्रतीक है।
मनुष्य की इंसानियत, सोच समझ, ही
करती उसे, अन्य जीव से अलग
समझदारी, वफादारी, सहयोगात्मक
भावना, मन में रखना, अपने तुम,
मनुष्य जन्म को सार्थक,
करना तुम,
संवेदना हो हर रिश्ते में हर संबंध में,
संवेदात्मक रवैया रखकर,
आगे को बढ़ाना तुम।
संवेदना एक अद्भुत एहसास है।
मानवता की गहरी छाप है।
सुख-दुख को समझने का भान है।
संबंधों को दृढ़ करने का मंत्र है।
सहानुभूति, सहयोग, रखकर
सामाजिक समरसता,
बढ़ाने की क्षमता है।
संवेदनाएं चुंबकीय कार्य,
करती है रिश्तो में।
संवेदनाएं चुंबक की तरह,
जोड़े रखती है रिश्तो को।
संवेदना हमारे तन मन को
धनवान बनाती है।
दयावान हृदय, पवित्र मन,
देता है, अंतरात्मा को खुशी।
वह खुशी में भी,
हजारों दुआएं होती हैं।
जो निश्चल सहानुभूति से
प्राप्त होती है।

5 Likes · 41 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ना मुमकिन
ना मुमकिन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
O God, I'm Your Son
O God, I'm Your Son
VINOD CHAUHAN
Oh, what to do?
Oh, what to do?
Natasha Stephen
फिकर
फिकर
Dipak Kumar "Girja"
Dard-e-Madhushala
Dard-e-Madhushala
Tushar Jagawat
Milo kbhi fursat se,
Milo kbhi fursat se,
Sakshi Tripathi
🙅एक उपाय🙅
🙅एक उपाय🙅
*प्रणय प्रभात*
प्रकृति और मानव
प्रकृति और मानव
Kumud Srivastava
इश्क़ में ना जाने क्या क्या शौक़ पलता है,
इश्क़ में ना जाने क्या क्या शौक़ पलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरे मेरे बीच में,
तेरे मेरे बीच में,
नेताम आर सी
जीने के प्रभु जी हमें, दो पूरे शत वर्ष (कुंडलिया)
जीने के प्रभु जी हमें, दो पूरे शत वर्ष (कुंडलिया)
Ravi Prakash
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
अंसार एटवी
" महक संदली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
सतत् प्रयासों से करें,
सतत् प्रयासों से करें,
sushil sarna
बेटियां ?
बेटियां ?
Dr.Pratibha Prakash
एक नई उम्मीद
एक नई उम्मीद
Srishty Bansal
नजर से मिली नजर....
नजर से मिली नजर....
Harminder Kaur
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
Suryakant Dwivedi
दीप आशा के जलें
दीप आशा के जलें
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
याद रखते अगर दुआओ में
याद रखते अगर दुआओ में
Dr fauzia Naseem shad
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ लोग प्रेम देते हैं..
कुछ लोग प्रेम देते हैं..
पूर्वार्थ
प्लास्टिक बंदी
प्लास्टिक बंदी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"किवदन्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अयोध्या
अयोध्या
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
जिस भी समाज में भीष्म को निशस्त्र करने के लिए शकुनियों का प्
जिस भी समाज में भीष्म को निशस्त्र करने के लिए शकुनियों का प्
Sanjay ' शून्य'
किसी को उदास देखकर
किसी को उदास देखकर
Shekhar Chandra Mitra
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मुसलसल ईमान-
मुसलसल ईमान-
Bodhisatva kastooriya
Loading...