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5 May 2024 · 1 min read

संवेदना आँखों से झलकती है

अंतर्मन की गहराई से निकलती है,
दिल की गहराई में जाकर उतरती है।

दुख-सुख के पलों में साथ निभाती है,
जीवन की राह को आसान करती है।

दुःख के सभी आँसुओं को पोंछती है,
सुख के पलों को खुशनुमा बनाती है।

जब शब्द नहीं होते व्यक्त करने को,
तब संवेदना आँखों से झलकती है।

दर्द को समझ करके सहारा देती है,
संवेदना मुश्किल घड़ी में साथ देती है।

दुरियां मिटा के दिलों को जोड़ती है,
रिश्तों की डोर को मजबूत बनाती है।

– सुमन मीना (अदिति)
लेखिका एवं साहित्यकार

1 Like · 88 Views
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