संवेदनहीन राजा
आपदा को अवसर बनाया।
आंक्सीजन और दवा बिदेशों मे बेच खाया।
देश की लाचार बिमार पीडित जनता को शमशान पहुंचाया।
अच्छे दिन के सपने दिखाकर आंक्सीजन के लिए तड़पाया।
वोटो के भुक्कड़, भावनाओं से खेलने वाले जनता को रुला के तूने क्या पाया।
तेरी एक आवाज पर हमने ताली थाली शंख घंटी और दीप भी जलाया।
तेरे हर जुमले, झूठ,सैनिकों के बलिदान, रफेल घोटाले पर तेरा साथ निभाया।
गोदी मीडिया, अंधभक्तों, ने जो विश्वास दिया हमने सभी को समझाया।
नौकरियां गई, व्यापार गया, भूखा रहा डंडे खाए,हर चुनाव तुमको जिताया।
सबकुछ गंवा के अपनो को तडपता मरता देखा,तूने कितना लाचार बनाया।
हे प्रभु रहम कर दया कर,
हमने एक संवेदनहीन को राजा क्यों बनाया।