संवेदनशीलता मानव की पहचान
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
कभी नही सबको दिखलाए जाते है।
खुले अगर तो संक्रमण तय है।
और घाव बढने का भी तो भय है।
मक्खी केवल घाव खोजकर खाती है
इंसानो मे भी मक्खी की कई प्रजाती है।
वो तो केवल कमी पर ही जीवित रहते है
अच्छाई से दूर सदा हम कैसे इंसान इन्हे कहते हैं।
संवेदना मरी तो मर जाता है इंसान।
केवल संवेदनशीलता ही है मानव की पहचान। ।