संविधान लागू हुआ
दोहा (छंद)
संविधान लागू हुआ, दिवस बना ये खास।
संविधान का राज है, जिससे है उज्जास।।
बहा पसीना भीम ने, दिए हमें अधिकार।
अपना सुख-दुख त्याग कर, किया बड़ा उपकार।।
आज वतन गणतंत्र है, लोगों का है राज।
राजतंत्र का अंत कर, किया नया आगाज।।
संविधान ने ही किया, उन्नत अपना देश।
नतमस्तक जन-जन हुआ, मिला अमन संदेश।।
लाल किले पर हो रहा, आयोजन हर वर्ष।
बड़ी मनोहर झांकियां, मना रहे हैं हर्ष।।
सजी धरा है देश की, बजे मेघ मल्हार।
उत्सव है सबसे बड़ा, आए बारम्बार।।
सिल्ला भी है हर्ष में, नमन करे शत बार।
पुलकित मन है नाचता, कर करके श्रंगार।।
-विनोद सिल्ला