संविधान दिवस
स्मरण करें संविधान उद्धेशिका, छब्बीस नवंबर सन् उन्चास का ।
भारत माता की आस्था, बाबा साहब के प्रयास का ।।
प्रगति और तरक्की साथ-साथ,
देशोत्थान होना चाहिए ।
हमारे बीच भी आदमियत का,
एक संविधान होना चाहिए ।।
कोई न छोटा और न बड़ा ,
संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न हम ।
व्यक्ति गरिमा ,राष्ट्र एकता ,
भारत मां की संतान हम ।।
एकता-सद्भाव का एक सोपान होना चाहिए ।।। हमारे बीच भी ….
समाजवादी ,पंथ निरपेक्ष,
लोक तंत्रात्मक गणराज्य है ।
लोकोन्मुखी, संवेदनशील ,
कल्याणकारी राज्य है ।।
सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक ,न्याय ,विचार का अवदान होना चाहिए ।।। हमारे बीच भी ….
हम एक हैं , एक ही रहेंगे ,
अमर संविधान दिवस हो ।
इंसानियत नजरें न चुराए ,
मानवता न विवश हो ।।
हर एक को संविधान का अभिमान होना चाहिए।
हमारे बीच भी आदमियत का, एक संविधान होना चाहिए ।।