संविधान दाता
गणतन्त्र दिवस की सुबह
आज मैंने देखा है
गलियों से गुज़रती हुई
बच्चों की लम्बी-
लम्बी कतारें
हाथों में तिरंगा
और चित्रपट लिए
अलग अलग समूहों में राष्ट्रगान गाते हुए
मन मेरा
प्रफुल्लित हुआ देख कर
भविष्य के हाथों में
अतीत की यह तस्वीरें
मैं अति उत्साहित
देखता बस देखता रहा
गलीयों से गुज़रती हुईं
एक-एक झाँकियाँ
गांधी और सुभाष
नेहरू और पटेल
भगत सिंह आज़ाद
खुद्दी राम बोस
सभी थे जिसमे
अपने-अपने वेश में
किन्तु कोई झांकी में
क्यों नज़र नहीं आई
आज फिर मुझे “आसी”
संविधान दाता की
छोटी या बड़ी छाया?
****
सरफ़राज़ अहमद “आसी”