~~संभल खुद को…. सर्दी बहुत है ~~
सर्दी बहुत है
जरा संभल के सामने आ
गर्मी होती तो अलग बात थी
इस मौसम में गर्म कपड़े पहन कर सामने आ…
क्या मिलता है तुझे जिस्म दिखाने में
क्यों पागलपन का भूत सवार तुझे
कभी ईठला के कभी बल खा के
क्या मिलता है तुझे ये नग्नता दिखा के…
वाहवाही लूटने की सोच है तो
मैं कहता हूं तू किसी और दर जा
यहाँ संस्कारोन की बात करने को बैठे हैं
तू अपना नंगा बदन किसी और को दिखा…
तेरी एक बेहूदा तस्वीर पर देखा है
मैने मर्दो को अश्लीलता फ़ैलाते हुये
इतना ही गर शौन्क है गंदगी फ़ैलाने का
तो जाकर बदन जिस्म के बाज़ार में दिखा….
अजीत तलवार