संभल के रहना देश के लोगों
चुनावी दौर की हकीकत
*****************
*****************
संभल के रहना देश के लोगों,
बवाल उठना तय हो गया है!
वोटों के खातिर मुमकिन है सब कुछ,
वोटर का घुटना तय हो गया है !
अभी तो जातिवाद चलेगा,
सरहद पै झगड़ा तय हो गया है!
यह वायरल मौसम है चुनावी
बीमार होना तय हो गया है!
बचा के रखना अपनी मोहब्बत,
टूटेंगे रिश्ते ये तय हो गया है!
बू आ रही है बरबादियों की,
बुरा कुछ होगा तय हो गया है!
वादों के झांसे में तुम ना आना,
टूटेंगे वादे ये तय हो गया है!
जागो, जगाओ आपस में लोगों
गुंडों का आना तय हो गया है !
मै सच को झूठा कैसे बता दूं,
झूठों का जाना तय हो गया है!
बातों ही बातों में सब कुछ ये देंगे,
कुछ ना मिलेगा ये तय हो गया है
उतार दो चादरें अब डर की,
मरना है एक दिन ये तय हो गया है!
अच्छा है मौका यह मौका ना खोना,
झूठों का रोना अब तय हो गया है!
हमने कलम यूं ही ना उठाई,
“सागर” लिखेगा यह तय हो गया है!!
***************
बेखौफ शायर ******
डॉ नरेश कुमार “सागर”
07/04/19
************9897907490