संभल कर चल
संभल कर चल रास्ते में पत्थर बहुत हैं
कदम सोच समझ कर रख पत्थर बहुत हैं
ठोकर लगने पर हंसने वालों की कमी नही है
आजकल तो दिलों में भी पत्थर बहुत हैं
संभल कर चल रास्ते में पत्थर बहुत हैं
कदम सोच समझ कर रख पत्थर बहुत हैं
ठोकर लगने पर हंसने वालों की कमी नही है
आजकल तो दिलों में भी पत्थर बहुत हैं