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29 Sep 2021 · 1 min read

तुम सा नही…!

डरे-डरे से रहते हो,
ह्रदय की न बात कहते हो।
प्रेमरस में बहकर भी,
इंद्रजीत से रहते हो।
फूलों की तरह,
भवरें को चाहते हो।
ये इश्क़ ए रिवाज़ तुम्हारा,
ज़िन्दगी भर की इबादतें है।

Language: Hindi
251 Views
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