*संदर्भ-बढ़ते वाहन और हादसे*
विषय-सड़को पर दिन व दिन बढ़ता यातायात और वाहनों की तेज रफ्तार
संदर्भ-बढ़ते वाहन और हादसे
आज शहर तो शहर गाँव भी अब वाहनों से सराबोर है हर तरफ दोपहिया,तिपहिया,चार पहिया,कृषि के ट्रेक्टर ट्राली,हार्वेस्टर,परिवहन के लिए बस,ऑटो,माल वाहन के लिये ट्रक,आदि सब का हर जगह भरपूर प्रयोग हो रहा है,,
आज बाइक जो की महिला बच्चे, पुरुष सभी को जरूरत है उसमें पहले के समय जो स्कूटर थी वह कम गति की थी पर आज कल उनका प्रचलन कम हो रहा है,पर अब तो हर कंपनी स्पीड और रफ्तार की तरफ ज्यादा ध्यान दे रही है,रेसिंग गाड़ियों की भरमार है,आज का युवा खपत की नही रफ्तार की दीवानगी मैं ज्यादा दीवाने है,
परिवार मे जो बाइक उपयोग हो रही है उनका भी यातायत के दाब को बढाने मैं ज्यादा योगदान है क्योंकि महिलाओं के लिये अलग बाइक,पुरुष वर्ग के लिए अलग बाइक जिससे एक घर मे दो बाइक आज कल स्ट्स सिम्बल बन गया है जबकि घर मे एक महिला बाइक से भी काम चल सकता है,,
आज कल कुछ मध्यम वर्गीय परिवारों मैं जररूर नही है फिर भी फोरव्हीलर का रखना भी आज के समय मैं दिखवा के लिए भी रख रहे है पर वो कही न कही वाहनो की संख्या और सड़कों पर दबाब तो बढाते है,,
आज आदमी जरूरत के हिसाब से नही अपनी बजनदारी को दिखाने के लिए वाहन की संख्या बढ़ा रहा है जो कि स्वयं के लिए भी और अन्य के लिए भी घातक है,,,
सड़को पर आए दिन होने बाली दुर्घटनाओं की वजह से कई व्यक्ति,बच्चे, महिला,जानवर काल के गाल मैं समाहित हो रहे है,कई अंगभंग हो रहे है,जो कि हमारे लिए बहुत ही चिंतनीय और सोचनीय बात है कि इस पर गौर किया जाए नही तो हमारे चारों तरफ सिर्फ वाहनों की भरमार होगी,
सड़को पर अगर दबाब कम करना है तो जररूत के हिसाब से वाहनो का क्रय किया जाये,
रफ्तार पर रोक के लिए सड़कों पर जगह जगह जांच और यातायात व्यवस्था को दुरुसत किया जाए,सड़को का चौड़ीकरण भी आवश्यक है,
वाहनो की रफ्तार को कंट्रोल के लिए वाहन निर्माण कंपनी को लिमिट 60-70 रखना चाहिए,,
सभी को सड़क के नियमो की जानकारी होनी चाहिए,,
सभी वाहन चालक और सड़क पर आवागमन करने बालो को सतर्क और सजग होकर विचरण करने चाहिए,,,
सड़क के संकेतों के ध्यान रखना चाहिए,,,
कमसे कम वाहनो का प्रयोग,तेज गति पर नियंत्रण ही सफल परिवहन है,,,
मानक लाल मनु?