संतोष भले ही धन हो, एक मूल्य हो, मगर यह ’हारे को हरि नाम’ की
संतोष भले ही धन हो, एक मूल्य हो, मगर यह ’हारे को हरि नाम’ की तरह ही है।
मनचाहा पाने का संतोष भला किसको होता है, कैसे हो, क्यों हो?
संतोष भले ही धन हो, एक मूल्य हो, मगर यह ’हारे को हरि नाम’ की तरह ही है।
मनचाहा पाने का संतोष भला किसको होता है, कैसे हो, क्यों हो?