Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2023 · 1 min read

संतुलन

लघुकथा

संतुलन

ग्राम पंचायत की बैठक चल रही थी। इसमें सरकार द्वारा मनरेगा के मजदूरों का भुगतान सीधे उनके खाते में जमा करने के आदेश और उसके क्रियान्वयन एवं इसके पंच-सरपंच के कमीशन पर संभावित असर के संबंध में गंभीर चर्चा हो रही थी। बैठे गले से सरपंच जी बोल रहे थे- “अब तो हमारे लिए कोई गुंजाइश ही नहीं बची। सरपंची के लिए चुनाव में जो खर्चा किया था, वह भी निकलना मुश्किल है।”
एक अनुभवी, घाघ पंच बोला- “ऐसे में हमारा गुजारा कैसे होगा ? इसका कोई न कोई तोड़ निकालना ही पड़ेगा।”
चश्मा उतारते हुए सचिव महोदय बोले- “किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप सब अपने-अपने परिवार के सभी व्यस्क लोगों के नाम से बैंक में खाता खुलवा लीजिए। मजदूरी का पैसा सीधे उनके खाते में पहुंच जाएगा। और हां, सभी मजदूर अब प्रतिदिन दो घंटे ज्यादा काम करेंगे, ताकि संतुलन बना रहे और हिसाब बराबर रहे.”
अब सबके चेहरे पर संतुष्टि के भाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पिता की नियति
पिता की नियति
Prabhudayal Raniwal
अकेला हूँ ?
अकेला हूँ ?
Surya Barman
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
खेल खिलौने वो बचपन के
खेल खिलौने वो बचपन के
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अस्तित्व की पहचान
अस्तित्व की पहचान
Kanchan Khanna
2344.पूर्णिका
2344.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
అమ్మా దుర్గా
అమ్మా దుర్గా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मैंने आज तक किसी के
मैंने आज तक किसी के
*Author प्रणय प्रभात*
कर रही हूँ इंतज़ार
कर रही हूँ इंतज़ार
Rashmi Ranjan
बांध रखा हूं खुद को,
बांध रखा हूं खुद को,
Shubham Pandey (S P)
देश का वामपंथ
देश का वामपंथ
विजय कुमार अग्रवाल
*बल गीत (वादल )*
*बल गीत (वादल )*
Rituraj shivem verma
बिना तुम्हारे
बिना तुम्हारे
Shyam Sundar Subramanian
" फ़ौजी"
Yogendra Chaturwedi
होलिका दहन
होलिका दहन
Bodhisatva kastooriya
*भरे हों प्यार के सौ रंग, मैत्री की हो पिचकारी (मुक्तक)*
*भरे हों प्यार के सौ रंग, मैत्री की हो पिचकारी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
......,,,,
......,,,,
शेखर सिंह
: आओ अपने देश वापस चलते हैं....
: आओ अपने देश वापस चलते हैं....
shabina. Naaz
गर्द चेहरे से अपने हटा लीजिए
गर्द चेहरे से अपने हटा लीजिए
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
Job can change your vegetables.
Job can change your vegetables.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Bahut hui lukka chhipi ,
Bahut hui lukka chhipi ,
Sakshi Tripathi
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सुप्रभात
सुप्रभात
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
Suryakant Dwivedi
घर एक मंदिर🌷
घर एक मंदिर🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet kumar Shukla
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
"जाग दुखियारे"
Dr. Kishan tandon kranti
मुस्कान है
मुस्कान है
Dr. Sunita Singh
Loading...