संघर्ष
संघर्ष
•••••••
हर जीवन ही, एक संघर्ष है;
हर संघर्ष में, छुपा विमर्श है।
कहीं कहलाता, ये प्रयास है;
तो कहीं, बच्चों का आस है।
यही, प्रतियोगिता का रूप है;
तो यही, स्पर्धा का स्वरूप है।
यही रण है, यही एक युद्ध है;
यह ईर्ष्या-द्वेष से अवरूद्ध है।
यह आंदोलन है, अभियान है;
ये,अहंकार सह स्वाभिमान है।
यही रुकावट है, यही प्रगति है;
कुछ संघर्ष में , बहुत दुर्गति है।
संघर्ष ही, सदा ‘महासंग्राम’ है;
संघर्ष से ही मिले हर ईनाम है।
••••••••••••••••••••••••••••••••
#स्वराचित_सह_मौलिक;
………✍️पंकज ‘कर्ण’
……..कटिहार(बिहार)।