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16 Jan 2021 · 1 min read

संघर्ष फ़तह खुद से

चाहते हैं जहाँ सारा
पर देखते
ज़मीं से हैं
आसमाँ में उड़ना है
और महफ़ूज
रहने की ज़िद्द है ।

समुन्दर में तैरना है
तो डूबना ही होगा
खारे पानी से
गला तर करना ही होगा
तभी मोती मिलेगा
और रहस्य समंदर
का खुलेगा ।

किनारों पर
कंकड़ है
और जमीं पर गड्ढे
हवा में धूल है
मोती के लिए
शान्ति के लिए
गहराई में उतरना ही
होगा ।

बेपरवाह होकर
मन से
बेमुरव्वत होकर
तन से
छोड़ ख़याल
दुनियावी का
इश्क़ फ़तह खुद से
संघर्ष करना ही
होगा ।

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 362 Views
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