संघर्ष……. जीवन
शीर्षक – संघर्ष…… जीवन
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जीवन और जिंदगी संघर्ष हैं।
हम और तुम मानवता संग हैं।
सच और सोच ही हमारे मन हैं।
न रूक न तक बस हम सब हैं।
न कोई अपना न पराया होता हैं।
रंगमंच के किरदार पर हम होते हैं।
समय किरदार सभी अपने निभाते हैं।
सुख दुःख रोना हंसना भी जरूरी हैं।
कुदरत के साथ हम सभी रहते हैं।
सोच समझ बस हमारी रहती हैं।
हमारे संघर्ष और ईमानदारी कहतीं हैं।
हां बस यही आज और कल बरसों रहता हैं।
कल न आता बस आज में जीवन चलता हैं।
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नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र