” संघर्षों की राह कठिन है ” !!
हँसते गाते खुशी मनाते ,
हमने चलना सीख लिया है !
हमको सदा पीर सहना है ,
यह कह मन को जीत लिया है !
काम अगर बोझा समझा तो ,
काट रहे जानो फिर दिन है !!
हँसने वाले हँसते रहते ,
क्योंकि वो खाली खाली हैं !
ऊँची नीची करे टिप्पणी ,
कभी समय देता ताली है !
हमें निभाना साझेदारी ,
चुटकी में कटते पल छिन हैं !!
कभी राह में काँटे हैं तो ,
कभी सवारी मिल जाती है !
कभी धूप है , छाले हैं तो ,
कभी छाँह भी मुस्काती है !
सुख दुख का बटवारा जाने ,
कभी नहीं कर्मों से घिन है !!
शिक्षा दीक्षा हाथ लगी जो ,
वह संवारती जीवन भी है !
भूल हमारी या अपनों की ,
आज आँख में बसी नमी है !
लक्ष्य सभी के अपने अपने ,
यहाँ सफलता की ही गिन है !!
स्वरचित / रचियता :
बृज व्यास
शाजापुर ( मध्यप्रदेश )