संग और साथ
संग तुम्हारे एक ख्वाब पिरोया है
डूबकर तुममें खुद को खोया हैं
तुम्हारे गोद में सर रखकर खुद को सुलाया हैं
हर वजूद में तुम्हारा ही मुझपर साया हैं….!
प्यार की बारिश में गमों को भुलाया है
बेफिक्र ख्वाबों को निंद में सुलाया हैं
हर रास्ते को तुमसे मिलाया है
हर फैसले को मिलकर जिताया है….!!
हर मोड़ पर इस प्यार को निभाया है
हर रात को तेरे ख्यालों से सजाया है
अपने दरमियान प्यार के दीयें जलाएं है
हर पल नजरों को तुम्हारा दीदार कराया है….!!!