संगीत दिवस
सारा दिन हुई योग की चर्चा
आओ अब गीत शारदे गा लें
संगीत की बज उठे तरंगे
उमंगो में सरगम सजा लें
गीतिका वरखा सुनाए
साज़ बूंदों का बजा लें
झनझना उठे अंतस
हृदय में उसको बिठा लें
रूह से मिल सके रूह जो
बांस में प्रीतम सजा लें
संगीत दिवस की बधाई
उमंगो में सरगम सजा लें
गीतिका वरखा सुनाए
साज़ बूंदों का बजा लें
झनझना उठे अंतस
हृदय में उसको बिठा लें
रूह से मिल सके रूह जो
बांस में प्रीतम सजा लें
संगीत दिवस की बधाई