[[ संगदिल सनम ]]
बड़े दूर के मुसाफ़िर हैं जरा आराम लेने दो।
मंज़िल भी ढूंढ लेंगे जरा हाँथ उनका थाम लेने दो।
नही चढ़ती हमे किसी मैक़दे की दारू
हम ख़ुद झूमेंगे अभी जरा उनके होंटों का जाम लेने दो।
सभी लेते हैं काम दिमाग का इश्क़ में
जरा हमे भी उन्हें परखने के लिए दिमाग़ से काम लेने दो।
वो जा रही हैं हमे दगाबाज़ साबित करके
जरा हमे भी उनसे अपनी वफ़ाओं के दाम लेने दो।
न सोचा जिन्होंने एक बार भी हमारा नाम उछालते हुए।
जरा भरी महफ़िल में उस संगदिल सनम का नाम लेने दो।