Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2023 · 1 min read

संक्रांति

संक्रांति की
महक तो,
पुराने लोग जानते थे,
तिल और गुड की
वो मिठास तो
चली गई,
दादा नाना के साथ ,
जब दादी नानी ,
तिल गुड के लड्डू
बांधा करती थी ,
अब तो डार्क चाकलेट का,
नया जमाना है,
आजकल के,
रतजगा करने वाले,
युवा अब
सूरज के,
दर्शन करते ही नहीँ,
सूरज भी,
अपनी सारी आभा,
पहाड को,
नदी को,
तालाब को,
फूल और
पौधो को ही,
दे जाता है,
इसीलिए,
इनमे दिखता है ,
उल्लास,
मकर संक्रांत का।

1 Like · 226 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Harish Chandra Pande
View all
You may also like:
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
gurudeenverma198
रामकृष्ण परमहंस
रामकृष्ण परमहंस
Indu Singh
संचित सब छूटा यहाँ,
संचित सब छूटा यहाँ,
sushil sarna
*जीवन के संघर्षों में कुछ, पाया है कुछ खोया है (हिंदी गजल)*
*जीवन के संघर्षों में कुछ, पाया है कुछ खोया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
यादों की सुनवाई होगी
यादों की सुनवाई होगी
Shweta Soni
हिंदी दोहे- पंडित
हिंदी दोहे- पंडित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
Rekha khichi
उन्हें हद पसन्द थीं
उन्हें हद पसन्द थीं
हिमांशु Kulshrestha
জপ জপ কালী নাম জপ জপ দুর্গা নাম
জপ জপ কালী নাম জপ জপ দুর্গা নাম
Arghyadeep Chakraborty
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
Pratibha Pandey
समझो साँसो में तेरी सिर्फ मैं हूँ बसाँ..!!
समझो साँसो में तेरी सिर्फ मैं हूँ बसाँ..!!
Ravi Betulwala
3751.💐 *पूर्णिका* 💐
3751.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सूर्य की उपासना
सूर्य की उपासना
रुपेश कुमार
कोई भी
कोई भी
Dr fauzia Naseem shad
"" *आओ गीता पढ़ें* ""
सुनीलानंद महंत
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
सत्संग की ओर
सत्संग की ओर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
कौन हूं मैं?
कौन हूं मैं?
Rachana
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
surenderpal vaidya
#विशेष_दोहा-
#विशेष_दोहा-
*प्रणय*
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
गजेन्द्र गजुर ( Gajendra Gajur )
कर्म
कर्म
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
Manisha Manjari
दुर्योधन मतवाला
दुर्योधन मतवाला
AJAY AMITABH SUMAN
ए मौत आ, आज रात
ए मौत आ, आज रात
Ashwini sharma
नवरात्रि गीत
नवरात्रि गीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तिश्नगी
तिश्नगी
Shyam Sundar Subramanian
"सबकी नज़रों में एकदम कंगाल हूँ मैं ll
पूर्वार्थ
" वाणी "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...