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25 Nov 2019 · 1 min read

उजाला

सदा अँधेरे से घिरा, सपने काले रंग।
रहा उजाला ढूँढता, मिला नहीं पर संग।।

घनी अँधेरी जिन्दगी, नहीं उजाला साथ।
दीपक बन जलना पिया,थामें रखना हाथ।।

दिल को ऐसे छू गया,उस मुखरे का नूर।
हृदय उजाले से भरा,किया अँधेरा दूर।।

तम सन्नाटे से घिरा, करें उजाला शोर।
छन से ऐसे टूटते, जब रिश्तों के डोर।।

डँसे अँधेरा रात भर, करे उजाला वार।
जो दुश्मन करता नहीं, वो कर देते यार।।

सदा उजाला बाँटना, रही दीप की चाह।
जले आखरी साँस तक,जगमग हो हर राह। ।

दीपक अंतिम साँस तक, रहा उजाला बाँट।
उजियारा देता सदा,घना अँधेरा छाँट।।

मिलती परछाई नहीं, अगर अँधेरा पास।
सोच उजाले की तरह, नहीं छोड़ना आस।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
1 Like · 162 Views
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