संकल्प
जीवन के इस पायदान में मैने यह
संकल्प लिया है,
इस माया- मोह के बंधन से स्वयं को
मुक्त किया है,
अतीत की स्मृतियों को छोड़ वर्तमान
अपना लिया है,
संताप -भय चिंताविहींन निरापद भाव
अपना लिया है ,
अहं त्याग शांति समग्र निर्विकार भाव
समाहित किया है,
प्रेम,दया,करुणा ,एवं मानव सेवा भाव
अंतस्थ किया है,
निरर्थक जीवन निर्वाह की परिपाटी को छोड़ ,
सार्थक जीवन यापन के तत्व का संज्ञान लिया है।
नोट : मेरी ७२ वीं वर्षगांठ पर काव्य प्रस्तुति !