श्री राम स्तुति
हे राम भद्र हे राजीव लोचन
जय राम चंद्र भवभय मोचन।।१
हे दुष्ट निकंदन खरध्वंसी।
कौशल्यानंदन रघुवंशी।।
सीता पति हे रघुकुल चंदन।
कौशलेय हे दशरथ नंदन।।
पुण्योदय विराधबध पण्डित।
मितभाषी अनन्त गुण मंडित।।
जित वारीश अहिल्यापावन।
सुखरासी राघव मन भावन।।
बालि प्रमथ हे रावण हंता।
चित्रकूट समाश्रय श्रीकंता।।
रामचंद्र विभीषण परित्राता।
हे रघुपुड़्गव लक्ष्मणभ्राता।।
जितेन्द्रिय दशग्रीव शिरोहर।
पुरुषोत्तम परेश महोधर।।
हे करुणाकर अजित अनंता।
वेदान्तवेद्य हे भगवंता।।
हनुमत्प्रभु नीलोत्पलश्यामं।
जानकीवर लोकाभिरामं।।
हे श्रीमान प्रमेय पराक्रम।
नमामि प्रभु कौशलपुर नाथम्।।
मौलिक स्वरचित
कविरंजन मधुकर