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29 May 2023 · 1 min read

श्री राम राज्याभिषेक

कुण्डलिया
————–
वंदन कौशलदेश को, कलित सजा दरबार ।
सिंहासन पर नाथ हैं, शोभित तोरण द्वार ।।
शोभित तोरण द्वार, अयोध्या रुचिर बनी है।
संग विराजत भ्रात, वाम दिशि जगजननी है।।
धन्य नवल कविराय, चरण में केशरिनंदन ।
सुर बरसाते पुष्प, महेश्वर करते वंदन।।

✍️ – नवीन जोशी ‘नवल’

(स्वरचित एवं मौलिक)

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