श्री राम आए हैं
सुमंगल दिन, घड़ी स्वर्णिम प्रभु श्रीराम आए हैं।
मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।
शशि सा मुख सजीला है मधुर मोहक है किलकारी
मगन दशरथ कौशल्या हैं छवि देखें मनोहारी।
नयन थकते नहीं तक-तक कि लो सुखधाम आए हैं।
मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।
बिछाओ फूल राहों में जलाओ दीप हर घर में।
सजाओ द्वार पर तोरण पताकाएं नगर भर में।
करो स्वागत सभी मिलकर नयन अभिराम आए हैं।
मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।
सजाने रामलल्ला को हैं लाए फूल सब चुन चुन
बजे ढोलक, पखावज, झांझ बजे घुंघरू मधुर रुनझुन
करें जयघोष सुर मुनि जन प्रभु श्रीराम आए हैं।
मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।
हुआ है राममय कण-कण रंगे सब राम के ही रंग
हुए पुलकित हृदय सबके तरंगित हो रहा अंग-अंग
दिवस पावन मधुर बेला प्रभु श्रीराम आए हैं।
मनाओ हर तरफ उत्सव प्रभु श्रीराम आए हैं।
रिपुदमन झा ‘पिनाकी’
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक