श्री गणेश जन्मोत्सव
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
श्री गणेश जन्मोत्सव की हार्दिक बधाई ,भगवान श्री गणेश जी के आशीर्वाद आप की सभी मनोकामना पूर्ण हों,श्री गणेश जी सभी विघ्न हरे, आपको एवं आप के परिवार को मंगलमय हों -जय गणेश श्री गणेश!
भालचन्द्र-भगवान गणेश का मस्तक बड़ा है-यह बताता है कि इंसान को अपनी सोच को हमेशा बड़ा रखना चाहिए, तभी वह अपना मुकाम हासिल कर सकता है,छोटी सोच इंसान को आगे बढ़ने नहीं देती…,
कपिल-गणपति बप्पा की आंखें छोटी है-छोटी आंख का मतलब होता है कि हर चीज का गहराई से अध्यन करें और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाए, ऐसा व्यक्ति जीवन में कभी धोखा नहीं खाता और फैसला बिल्कुल सही फैसला लेता है…,
गजकर्ण-भगवान गणेश के कान सूप की तरह बड़े हैं-बड़े कान चौकन्ना रहने का संकेत देते हैं तथा यह भी शिक्षा देते हैं कि आप वही सुनें जो आपको ज्ञान देता हो, बेकार और बुरी बातों को कान तक पहुंचते ही बाहर कर दें…,
लंबोदर-भगवान गणपति की सूंड हमेशा हिलती रहती है। इसका मतलब होता है कि जीवन में हमेशा एक्टिव रहना चाहिए,जो व्यक्ति जीवन में एक्टिव नहीं रहता, सफलता उसे हमेशा देरी से मिलती है। एक्टिव रहने से कभी भी गरीबी और दुखों का सामना नहीं करना पड़ता…,
विकट-भगवान गणेश का पेट बहुत बड़ा है और यह खुशहाली का प्रतीक माना जाता है,बड़े पेट का मतलब है कि अच्छी और बुरी बातों का समझें अर्थात उनको सही पचा लें और फिर अपना निर्णय दें। जो व्यक्ति भोजन के साथ सभी बातों को पचा लेता है वह हमेशा खुशहाल रहता है…,
विघ्नविनाशक-(एकदंत गणपति बप्पा)-एक बार परशुराम और भगवान गणेश की लड़ाई हुई ,इस लड़ाई में परशुराम ने अपने फरसे से भगवान गणेशा का एक दांत काट दिया और उन्होंने उसी टूटे दांत से पूरा महाभारत ग्रंथ लिख दिया। एक दांत होने की वजह से भगवान गणेश का नाम एकदंत भी है। एकदंत से यह शिक्षा मिलती है कि हमको हर चीज का सदुपयोग करना चाहिए, जीवन में हर चीज आपके काम आ सकती है…,
विनायक-(बप्पा का प्रिय मोदक)-भगवान गणपति का प्रिय भोग मोदक है। मोदक का अर्थ है कि आनंद देने वाला, जिसमें आनंद मिलता हो। साथ ही मोदक मान का प्रतीक है, इसलिए उसे ज्ञानमोदक भी कहते हैं। मोदक को ज्ञान का प्रतीक माना गया है। जिसका अर्थ है कि हमेशा सात्विक और शुद्ध होना चाहिए, जिससे वह जीवन का आनंद ले सके।
धूम्रकेतु-भगवान का के शस्त्र का नाम कुल्हाडी है,कुल्हाड़ी से गणपति ने कई राक्षसों का अंत किया है। हाथों में कुल्हाड़ी दर्शाती है कि वह सभी बंधनों से मुक्त हैं,अगर मनुष्य चाहे तो वह भी ऐसा कर सकता है, वह क्रोध, लालच और बुराइयों को काट सकता है…,
गणाध्यक्ष-(भगवान गणपति का मूषक)-भगवान गणेश का वाहन मूषक अर्थात चूहा है, गणेशजी ने चूहे को अपना वाहन बनाया है इसका अर्थ यह है कि मनुष्य को अपनी इच्छाओं पर सवारी करनी चाहिए। तभी जीवन में उसको सफलता मिलती है और चूहे की तरह अपना रास्ते पर आगे बढ़ते रहते हैं, ना कि उसके विपरित। चूहे की सवारी दर्शाती है कि वह अपनी सभी इच्छाओं में निपुण है…,
सुमुख -भगवान गणेश अपने एक हाथ से सभी को आशीर्वाद देते हैं,वह प्रथम पूजनीय हैं और ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं। वह हमेशा ज्ञान और सुख व शांति का आशीर्वाद सभी को देते हैं। वह जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और सभी की मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद भी देते हैं।
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान