श्री कृष्ण
उल्लाला छंद
श्री कृष्ण
कर के दर्शन मुरारी के, गुण गाती उस भेष की।
नैन प्यारे गिरधारी के, सुंदर मूर्त नरेश की।।
है अधर पंखुड़ी कमल की, श्याम वर्ण घन राज सा।
कुंडल झूमे कपोलों पर, रूप मधुर बृजराज का।।
मोर मुकुट तिरछा सुहावे,रंग गुलाबी गाल का।
लचक कमान खाती भौंहें, तिलक सुहावे भाल का।।
पीत वसन अरु कर मुरलिया, खनक पग पैंजनिया की।
हृदय खिलाती मधुर वाणी, मधुर तान मुरलिया की।
इसी छवि के बलि-बलि जाऊं,है आशा दिन रैन की।
नित्य छवि के दर्शन पाऊं, प्यास मिटे इन नैन की।।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश