श्री कृष्ण
गीतिका छंद
14 /12 पर यती
श्री कृष्ण
आ मोहन कृष्ण मुरारी
दरस हमको दीजिए।
हम आए शरण तिहारी ,
भव से पार कीजिए।
पथ विकट है इस जगत का,
हाथ हमको दीजिए।
नाथ बनके दिव्य नैना ,
ज्ञान हमको दीजिए।
बनके ग्वाल -बाल फिर से ,
आज हमसे खेलिए।
बांसुरी की छेड ताने,
मधुर रस नित्य घोलिए।
है जगत में असुर फैले,
आ संहार कीजिए।
मर रहे तेरे दीवाने,
रक्षा अब तो कीजिए।
नयन तेरा पथ निहारे,
देरी अब न कीजिए।
ले सुदर्शन हाथ में प्रभु,
संकटा हर लीजिए।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश)