Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2017 · 1 min read

*** श्री कृष्ण मुरारी .***

जब से मैने तेरा नाम लिया
पता नहीं क्यूं..बांसुरी वाले
दुनिया ने मुझे बदनाम किया
या तो में बांवरा हूँ, तेरे नाम का
या दुनिया को नहीं पहचान
रखते ही जुबान पर इक रोटी
का टुकड़ा, जिह्वा पहले बोलती है
बस श्याम, श्याम, श्याम !!

तूम मेरा बनमाली, तू मेरा सहारा
में तो तेरे चरणों का इक दास हूँ
तेरे दीदार को पैदा हुआ तेरी नगरी में
में तो जन्म जन्म से अनजान हूँ
आते हो श्याम , तुम जब रास रचाने
कब आओगे बगिया में भी तुम मोरे
संग संग नाचे गा तोरे मेरा मन मोरा
तेरी मुरली की धून, पर ओ श्याम मोरे
तब दिल की धड़कन पुकारेगी तोरा नाम
बस श्याम, श्याम, श्याम !!

राधा संग आना, संग संग गईया को भी लाना
मोर मुकुट सजाकर , राधा माता को भी लाना
मुरली की धून पर जब नाचेगा सारा जहान
ओ श्याम बिहारी, तब वो समां होगा बड़ा महान
तेरी रस लीला का दीदार पाके, खुश होगा इन्सान
ठुमक ठुमक जब सब नाचेंगे संग तोरे ओ घनशाम
मिलकर सब यही पुकारेंगे मेर वंदावन की श्याम
बस, श्याम , श्याम , श्याम !!

अजीत तलवार
मेरठ

Language: Hindi
465 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all

You may also like these posts

मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"शब्दों का सफ़र"
Dr. Kishan tandon kranti
अमानत
अमानत
Mahesh Tiwari 'Ayan'
वंदे मातरम
वंदे मातरम
Deepesh Dwivedi
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
लक्ष्मी सिंह
कब बरसोगे बदरा
कब बरसोगे बदरा
Slok maurya "umang"
*हिंदी साहित्य में रामपुर के साहित्यकारों का योगदान*
*हिंदी साहित्य में रामपुर के साहित्यकारों का योगदान*
Ravi Prakash
उनके आने से ही बहार आए
उनके आने से ही बहार आए
Dr fauzia Naseem shad
मजहब
मजहब
ओनिका सेतिया 'अनु '
तन्हाई बड़ी बातूनी होती है --
तन्हाई बड़ी बातूनी होती है --
Seema Garg
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
Arghyadeep Chakraborty
घमंड करू भी तो किस बात का,
घमंड करू भी तो किस बात का,
पूर्वार्थ
इल्म कुछ ऐसा दे
इल्म कुछ ऐसा दे
Ghanshyam Poddar
दिखाने लगे
दिखाने लगे
surenderpal vaidya
😊सुप्रभातम😊
😊सुप्रभातम😊
*प्रणय*
प्रियतम
प्रियतम
Rambali Mishra
चेतना समय है
चेतना समय है
Harinarayan Tanha
प्रकाश पर्व
प्रकाश पर्व
Shashi kala vyas
वक्त की करवट
वक्त की करवट
Rajesh Kumar Kaurav
लेकिन वतन तू जिन्दाबाद रहे
लेकिन वतन तू जिन्दाबाद रहे
gurudeenverma198
23/09.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/09.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हे राम हृदय में आ जाओ
हे राम हृदय में आ जाओ
Saraswati Bajpai
जब सुनने वाला
जब सुनने वाला
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जीवन का मूल्य
जीवन का मूल्य
Shashi Mahajan
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
Anis Shah
आसमान में गूँजता,
आसमान में गूँजता,
sushil sarna
मैं घर का मेंन दरवाजा हूं।
मैं घर का मेंन दरवाजा हूं।
manorath maharaj
मेरा तकिया
मेरा तकिया
Madhu Shah
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - पूर्व आयुष निदेशक - दिल्ली
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - पूर्व आयुष निदेशक - दिल्ली
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अच्छे समय का
अच्छे समय का
Santosh Shrivastava
Loading...