*श्रीराम*
श्रीराम
करती हूं आपका वंदन,
सदा ही आपका अभिनंदन।
मूल्य दिए जो लोगों को,
करती मैं शत-शत नमन।
आप जीवन का आधार हैं,
शक्ति अपरंपार है।
आप हैं निर्माता जीवन के,
आप ही पालनहार हैं।
आप हैं सद्गुणों से संपन्न,
विष्णु के अवतार हैं।
लक्ष्मण,भरत,शत्रुघ्न के भ्राता,
सीता मां के वल्लभ,
कहते सब सीताराम हैं।
त्याग व सद्भावना की मूरत,
हृदय आपका विशाल है।
अयोध्या में जन्मे आप,
साक्षात मोक्ष के द्वार हैं।
त्रेता युग के भगवान,
ह्रदय में समाहित,
सबके प्रिय व उत्तम,
आप तारणहार,
मर्यादा पुरुषोत्तम,
श्री राम हैं।
डॉ प्रिया
अयोध्या।