Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

*श्रीराम*

श्रीराम

करती हूं आपका वंदन,
सदा ही आपका अभिनंदन।
मूल्य दिए जो लोगों को,
करती मैं शत-शत नमन।

आप जीवन का आधार हैं,
शक्ति अपरंपार है।
आप हैं निर्माता जीवन के,
आप ही पालनहार हैं।

आप हैं सद्गुणों से संपन्न,
विष्णु के अवतार हैं।
लक्ष्मण,भरत,शत्रुघ्न के भ्राता,
सीता मां के वल्लभ,
कहते सब सीताराम हैं।

त्याग व सद्भावना की मूरत,
हृदय आपका विशाल है।
अयोध्या में जन्मे आप,
साक्षात मोक्ष के द्वार हैं।

त्रेता युग के भगवान,
ह्रदय में समाहित,
सबके प्रिय व उत्तम,
आप तारणहार,
मर्यादा पुरुषोत्तम,
श्री राम हैं।
डॉ प्रिया
अयोध्या।

Language: Hindi
2 Likes · 68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय*
झूठ है सब ज़हीन धोका है - संदीप ठाकुर
झूठ है सब ज़हीन धोका है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
शेयर बाजार वाला प्यार
शेयर बाजार वाला प्यार
विकास शुक्ल
बिछोह
बिछोह
Shaily
किसान की संवेदना
किसान की संवेदना
Dr. Vaishali Verma
दिन रात जैसे जैसे बदलेंगे
दिन रात जैसे जैसे बदलेंगे
PRADYUMNA AROTHIYA
ज़िंदगी की
ज़िंदगी की
Dr fauzia Naseem shad
कितना
कितना
Santosh Shrivastava
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
Suryakant Dwivedi
তুমি জে স্যাং থাকো তো
তুমি জে স্যাং থাকো তো
DrLakshman Jha Parimal
बनना है तो, किसी के ज़िन्दगी का “हिस्सा” बनिए, “क़िस्सा” नही
बनना है तो, किसी के ज़िन्दगी का “हिस्सा” बनिए, “क़िस्सा” नही
Anand Kumar
💖🌹💖🌹💖🌹💖🌹💖🌹💖🌹💖
💖🌹💖🌹💖🌹💖🌹💖🌹💖🌹💖
Neelofar Khan
देवी महात्म्य प्रथम अंक
देवी महात्म्य प्रथम अंक
मधुसूदन गौतम
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
Shashi kala vyas
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
आए हैं फिर चुनाव कहो राम राम जी।
आए हैं फिर चुनाव कहो राम राम जी।
सत्य कुमार प्रेमी
"बीते लम्हें"
Dr. Kishan tandon kranti
Orphan's Feelings
Orphan's Feelings
Shyam Sundar Subramanian
लेकिन मैं तो जरूर लिखता हूँ
लेकिन मैं तो जरूर लिखता हूँ
gurudeenverma198
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
Dr MusafiR BaithA
मैं  गुल  बना  गुलशन  बना  गुलफाम   बना
मैं गुल बना गुलशन बना गुलफाम बना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
“ख़ामोश सा मेरे मन का शहर,
“ख़ामोश सा मेरे मन का शहर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब किसी कार्य को करने में आपकी रुचि के साथ कौशल का भी संगम ह
जब किसी कार्य को करने में आपकी रुचि के साथ कौशल का भी संगम ह
Paras Nath Jha
कैसा हो रामराज्य
कैसा हो रामराज्य
Rajesh Tiwari
3460🌷 *पूर्णिका* 🌷
3460🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
खत लिखना
खत लिखना
surenderpal vaidya
*परिचय*
*परिचय*
Pratibha Pandey
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शिव प्रताप लोधी
Loading...