श्रीराम जी
??श्रीरामजी??
सुप्रभात
मुझे अपनी शरण में लो श्रीराम
करो मेरा तम् बेड़ा पार।
सताता ऐ जगत मुझको
तुम्हीं हो मेरे खैवनहार।।
दाता एक सहारा तेरा
मुझको मिलता नहीं किनारा।
आकर प्रभु सहारा दो्
तुम्हीं हरौ प्रभु कष्ट हमारा।।
दर दर भटकती रहती हूं
आके थामों मुझको स्वामी।
प्रभो दर्शन को अखियाँ तरसै
तुम्ही हो मेरे पथ गामी ।।
सुषमा सिंह