श्रीराधा-अष्टमी विशेष दोहे एवम् चौपाईयाँ | हरे कृष्ण | राधे राधे ||
दोहे
गौर विग्रहा राधिका, कृष्ण प्रेम आधार |
वृन्दावन में नित करें, मोहन संग विहार ||
चौरासी व्रज में परम, श्री बरसाना धाम |
जहाँ प्रकट भइ राधिका, सकल शक्ति गुण धाम ||
कृष्णकान्ता हरिप्रिया, तुम हो परम दयालु |
कृष्णप्रेम का दान करि, मो पर होउ कृपालु ||
वृन्दाविपिन बिहारिणी, कृपा करहु गौरांगि |
आदिशक्ति वृषभानुजा, प्रियतम की अर्द्धांगि ||
चौपाईयाँ
काम मोह से बद्ध जीव जन |
समझें ना तेरे कृत पावन ||
राधे वृन्दाविपिन बिहारिणि |
कृष्णप्रेममय रस विस्तारिणि ||
आदिशक्ति गुण लीला धामा |
राधारानी रूप ललामा ||
श्रीवृन्दावनेश्वरी माता |
मोहन प्रेम परम फल दाता ||
तुम ही मदन मोहन मोहिनी |
परम दयालू परम सोहिनी ||
श्रीवृषभानुसुता जग स्वामिनि |
परम शक्ति तुम जय जय भामिनि ||
जय जय मोहन हृदय तरंगिनि |
ललितादिक सखियन की संगिनि ||
जय जय जय वृषभानु किशोरी |
तप्त काञ्चनी राधा गोरी ||
श्रीमति राधा रानी की जय
श्री राधागोविन्द भगवान की जय
श्री वृन्दावन मथुरा धाम की जय
श्री बरसाना धाम की जय
कवि- शिवम् सिंह सिसौदिया
( श्याम किशोर दास )
ग्वालियर, मध्यप्रदेश
सम्पर्क- 8602810884, 8517070519